Friday 14 May 2021

विवाह की वर्षगांठ पर रक्तदान शिविर आयोजित, प्रसाद व अदलक्खा दम्पत्ति ने किया रक्तदान


फरीदाबाद, 14 म‌ई। आज के विपदा के दौर में हमें अपनी खुशियां व दूसरों के दुख को आपस में बांट कर तथा जरूरतमंद लोगों की परेशानियों को दूर करने के लिए कदम बढ़ाने चाहिए, ऐसा कर हम सब एक सुखद अनुभूति प्राप्त कर सकते है।

फरीदाबाद रोटरी ब्लड बैंक के उपप्रधान श्री दीपक प्रसाद एवम् उनकी पत्नी श्रीमती तिल कुमारी ने अपनी शादी की वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित रक्तदान शिविर में रक्तदान कर ऐसा संदेश दिया।


श्री प्रसाद ने बताया कि आज कोविड के चलते जिले में आ रही रक्त की कमी को देखते हुए उन्होंने यह निर्णय लिया। श्री प्रसाद ने बताया कि लॉकडाउन के चलते सभी औद्योगिक, व्यापारिक, सामाजिक तथा धार्मिक संगठनों के बंद होने के कारण  सबसे ज्यादा रक्त की कमी थैलीसीमिया ग्रस्त बच्चो के लिए देखी गई।

आपने कहा कि थैलीसीमिया ग्रस्त बच्चो को प्रत्येक 15 से 30 दिन में एक यूनिट रक्त की आवश्यकता होती है, यदि रक्त ना चढ़ाया जाए तो बच्चो का स्वास्थ्य बिगड़ने लगता है, ऐसे में केवल रक्त ही एकमात्र विकल्प है जो जीवन दान कर सकता है।

इस अवसर पर श्री दीपक प्रसाद की पत्नी श्रीमती तिल कुमारी ने कहा की हमें पर्यावरण ओर मानव सेवा हेतु कार्य करना चाहिए ताकि समाज में अच्छा वातावरण आपसी प्रेम और सौहार्द बनाया जा सके।

इस मौके पर रोटरी  डिस्ट्रिट ब्लड चेयरमैन श्री एच एल भूटानी ने श्री दीपक प्रसाद एवम् उनकी धर्मपत्नी श्री मति तिल कुमारी को आशीर्वाद देते कहा कि प्रसाद दंपती का यह आयोजन जहां थैलीसीमिया ग्रस्त बच्चो की सहायता की दिशा में प्रभावी कदम है वही समाज को ये संदेश देता हैं कि खुशियां बाटने से बढ़ती है, जिसका समाज के सभी वर्गो को अनुसरण करना चाहिए। 

इस अवसर पर रोटरी क्लब ऑफ फरीदाबाद ईस्ट के प्रधान श्री वेद अदलखा एवम् उनकी धर्मपत्नी श्रीमती रेणु अदलखा ने भी रक्तदान किया।

श्री वेद अदलखा ने कहा की हम सबको इस मुश्किल घड़ी में मिलकर रक्त की आवश्यकता को पूरा करने हेतु तत्पर रहना होगा।

आपने बताया की जिले में लगभग 1300 रोटेरियन है यदि सब मिलकर परिवार सहित इस पुनीत कार्य में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें तो रक्त की आ रही कमी को काफी हद तक समाप्त किया जा सकता है। 

इस मौके पर श्री मति रेणु अदलखा ने बताया की नारी शक्ति ही समाज को नई दिशा देने में सक्षम है, ऐसे में यदि ग्रहणीय रक्तदान में अपनी आहुति दे तो जहा रक्त की कमी दूर होगी वही समाज में सेवा के नए आयाम स्थापित होंगे।

इस आयोजन को सफ़ल बनाने में नवीन पसरीचा, डॉक्टर हेमंत अत्रि , अविकल आर्य, जितेंद्र भाटिया,अरुण गुप्ता, मदन चावला, ओम् प्रकाश, श्री हरीश का विशेष योगदान रहा।

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