श्री जैन ने कहा है कि आज की करोना के कारण आई विपदा की घड़ी में सरकार का यह निर्णय से सभी वर्गो को राहत मिलेगी किंतु उद्योगों के लिए अभी विशेष नीति बनाना समय की मांग है।
श्री जैन का मानना है कि यदि सरकार आयकर के साथ-साथ कुछ अन्य विभागों द्वारा भी औद्योगिक इकाइयों को राहत देने की नीति बनाए तो इससे और साकारात्मक परिणाम आने की संभावनाएं बढ़ेंगी।
श्री जैन के अनुसार कोविड के कारण घोषित लॉकडाउन 1 उपरांत उद्योग पूरी तरह से पटरी पर नहीं आ पाए थे, कि वर्तमान में लॉक डाउन घोषित कर दिया गया। आपने उद्योगों के समक्ष शून्य बिक्री, कर्मचारियों की कमी के साथ साथ निरंतर जारी किश्तों एवम् वेतन जैसी जरूरी खर्चों ने उद्योगों की समस्याओं की ओर भी ध्यान आकर्षित करते हुए कहा है कि इनसे परेशानी ओर अधिक बढ़ गई है।
आपने कहा कि बैंक की ब्याज दरों में कटौती, बिजली के फिक्स्ड चार्जेस , जीएसटी की रिटर्न में छूट जैसे कई ऐसे प्रावधान है जो उद्योगों को निश्चित रूप से राहत देने में कारगर सिद्ध हो सकते है।
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