उपायुक्त ने बताया कि लॉकडाउन का फायदा उठाते हुए भोले-भाले नागरिकों के बैंक खातों से पैसे निकालने के लिए साइबर अपराधी कई प्रकार के हथकंडे अपना रहे हैं, इसलिए कोविड-19 के नाम पर सोशल मीडिया और ईमेल पर आने वाले किसी भी फर्जी लिंक को खोलने से बचें।
ऐसे साइबर अपराधी नकली यूपीआई आईडी के माध्यम से डोनेशन बारे कहकर लोगों से धोखाधड़ी कर रहे हैं। इसी प्रकार, कई बार आपदा प्रबंधन का फर्जी बैंक खाता सोशल मीडिया पर डालकर उसमें पैसे जमा करवाने के लिए कहते हैं। उन्होंने कहा कि साइबर ठगी से बचने के लिए सोशल साइट्स पर डाले गए किसी भी असत्यापित खाते में रकम जमा न करवाएं। अंशदान करने से पहले पूरी जांच कर लें तथा इसके लिए आधिकारिक लिंक का ही प्रयोग करें।
उन्होंने कहा कि साइबर ठगी के अन्य तरीकों में फर्जी ऑनलाइन शॉपिंग साइट बनाकर ज्यादा डिस्काउंट पर फेस मास्क, सेनिटाइजर आदि बेचने के नाम पर धोखाधड़ी करना, संक्रमण से बचाव के लिए सरकारी वेबसाइट्स से मिलता जुलता पेज बनाकर धोखाधड़ी करना, डब्ल्यूएचओ या अस्पताल कर्मी बताकर लोगों को कॉल करना व कोरोना संक्रमण किट उपलब्ध करवाना तथा होम डिलीवरी के नाम पर ओटीपी मांग कर धोखाधडी करना आदि शामिल हैं।
उपायुक्त यशपाल ने कहा कि जिलावासी सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार के फर्जी या असत्यापित लिंक को न खोलें और अज्ञात नंबरों द्वारा भेजे गए ओटीपी को साझा करने से बचें क्योंकि इससे हैकर्स को उनकी निजी जानकारी हासिल हो सकती है। साइबर धोखाधड़ी करने वाले कोविड-19 से संबंधित मालवेयर लिंक प्रसारित कर रहे हैं। इसे खोलते ही अपराधी रिसीवर के फोन या कंप्यूटर से पासवर्ड सहित गोपनीय डाटा चुरा लेते हैं। आपकी थोड़ी सी चूक मेहनत की कमाई गवां सकती है इसलिए लोगों को अपने ई-मेल या व्हाट्स एप पर ऐसे लिंक पर क्लिक करते समय आवश्यक सावधानी बरतनी चाहिए।
0 comments: