पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियो में ओमकार, जगन सिंह, प्रदीप, संजय, अमित, मधुर, विजय कुमार और गौरव सिंह का नाम शामिल है। मामले में मुख्य आरोपी गौरव दिल्ली के मुखर्जी नगर के गांव धीरपुर का, आरोपी विजय कुमार दिल्ली के अशोका विहार फेस -2 का, आरोपी मधुर उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के बड़ौत का,आरोपी अमित उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के शमशाबाद का, आरोपी संजय फरीदाबाद के सेक्टर-16 का, आरोपी प्रदीप धवन उर्फ राजू बल्लबगढ की , हाउसिंग बोर्ड कालोनी सेक्टर-3 का, आरोपी जगन सिंह एनआईटी का तथा आरोपी ओमकार बल्लबगढ की सुभाष कॉलोनी का रहने वाला है।
यूनियन बैंक आफ इण्डिया एनआईटी के मैनेजर की शिकायत पर लगातार कार्य करते हुए मामले में सब इंस्पेक्टर नरपत सिंह और सहायक सब इंस्पेक्टर सुनील कुमार ने तफ्तीश करते हुए आरोपी ओमकार व जगन सिंह को मामले में 15 फरवरी को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया था। आरोपी ओमकार को पूछताछ के बाद अदालत में पेश कर जेल भेजा गया तथा आरोपी जगन सिंह को पुलिस रिमांड पर लिया गया पूछताछ के बाद आरोपी जगन को 19 फरवरी को जेल भेजा गया। तफ्तीश में सामने आया कि 17 जनवरी को दिल्ली में स्थित एक कम्पनी ईकेईएन(E.K.E.N) वेयर हाउस एव लोजस्टीक के मालिक आरोपी नम्बर एक ने एक करोड रुपए की डी.डी. बनबाई, डी.डी. को आरोपी नम्बर-2 को तथा आरोपी नम्बर-2 ने आरोपी नम्बर-3 को व्हाट्सएप के माध्यम से आरोपी गौरव के पास भेजी। असली डी.डी.की नकली डी.डी. बनवाने के बाद डी डी बनवाने वाले आरोपी ने कैंसिल करा दिया था। नकली डीडी बनाने वाले आरोपी गौरव (10+2 पढ़ा) ने अपने लैपटॉप और प्रिंटर की मदद से असली डी.डी. के सेम-टू-सेम डी.डी तैयार करके आरोपी मधुर को दे दी। आरोपी मधुर ने डीडी अमित को दे दी। आरोपी अमित ने 19 जनवरी को बाटा चौक के पास विजय कुमार और संजय को नकली डी.डी. दे दी ।
आरोपी संजय का बिजनेस पार्टनर प्रदीप है। प्रदीप का बिजनेस पार्टनर ओमकार है। ओमकार की वर्कशॉप संजय कॉलोनी में स्थित है ओमकार के खाते में डी.डी. को कैश कराया गया। जिसमें से ओमकार ने तुरंत 85 लाख रुपए जगन के खाते एस.के इंटरप्राइजेज में भेज दिए। आरोपी ओमकार के खाते को पुलिस टीम ने सीज करा दिया था। आरोपी जगन ने अपने खाते से 40 लाख रुपए आरोपी सजय के खाते में तथा 31 लाख रुपए आरोपी प्रदीप के खाते में जिसमे 10 लाख रुपए एक खाते में 4.5 लाख रुपए परिवार के 4 खातो में भेजे। आरोपी जगन ने 4 लाख का कैश चेक दिया जिसे कैश कराकर 1 लाख रुपए जगन को दे दिए और 3 लाख अपने पास रख लिए। आरोपी आरोपी जगन से पुलिस टीम ने 30 लाख रुपए खाते में जाम कराकर सीज करा दिया गया है। पुलिस टीम ने आरोपी संजय को 17 फरवरी को गिरफ्तार किया । आरोपी को अदालत में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया गया था, पुलिस रिमांड के दौरान आरोपी से 80 हजार रुपए नगद बरामद किए गए तथा आरोपी प्रदीप को 18 फरवरी को गिरफ्तार किया गया। आरोपी को अदालत में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया गया। आरोपी को पूछताछ के बाद अदालत में पेश कर 21 फरवरी को जेल भेजा गया। आरोपी विजय को आरोपी संजय की निशानदेही पर 20 फरवरी को गिरफ्तार किया गया आरोपी को अदालत में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया गया आरोपी से पूछताछ में 1 लाख रुपए तथा आरोपी अमित को गिरफ्तार किया गया। आरोपी अमित को अदालत में पेश कर 2 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया। आरोपी अमित से 50 हजार रुपए नगद बरामद किए गए। पूछताछ के बाद आरोपी संजय और विजय को जेल भेजा गया। आरोपी अमित शमशाबाद आगरा से और आरोपी अमित के फर्द इंसाफ पर आरोपी मधुर को उत्तर प्रदेश के बागपत से 23 फरवरी को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी को पूछताछ के बाद अदालत में पेश कर 24 फरवरी को जेल भेजा गया है। आरोपी मधुर के फर्द इंसाफ पर आरोपी गौरव को 26 फरवरी को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है। आरोपी गोरव को 2 दिन के पुलिस रिमाड पर लिया गया था। जिसे पुनः पुलिस रिमांड लिया गया ।
आरोपी गौरव से फर्जी डी.डी. बनाने में प्रयोग मोहर लैपटॉप प्रिंटर व नई ब्रेजा गाडी बरामद कर लिए गए है। आरोपी को अदालत में पेश कर जेल भेजा गया। मामले में तफ्तीश जारी है। उक्त मामले में शामिल अन्य आरोपियो को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
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