फरीदाबाद 2 जुलाई। योग गुरु स्वामी रामदेव ने कहा कि कोरोनिल के क्लीनिकल ट्रायल का डेटा हमने आयुष मंत्रालय को भेजा, आयुष मंत्रालय के सारे अप्रूवल लिए गए। हमने सभी पैरामीटर फॉलो किए।
मीडिया से बातचीत करते हुए आपने कहा कि क्या हिन्दुस्तान में योग के अंदर काम करना गुनाह है। मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। दवा बनाकर क्या मैंने कोई गुनाह कर दिया, सत्कार नहीं कर सकते तो तिरस्कार तो मत कीजिए। स्वामी रामदेव ने प्रश्न किया कि सिर्फ कोट टाई वाले रिसर्च करेंगे क्या, धोती वाले नहीं कर सकते।
मीडिया से यह संवाद आनलाईन भी देखा गया। स्वामी रामदेव ने कहा कि जिस तरह से देशद्रोही के खिलाफ मुकदमा दर्ज होते है ऐसे मुकदमे दर्ज हुए। आचार्य बालकृष्ण जो कि इस मीडिया संवाद में भी उनके साथ थे, के संबंध में तथा अपने बारे में बोलते हुए स्वामी रामदेव ने कहा कि हम दोनों 35 वर्षो से साथ काम कर रहे है दोनों सामान्य परिवार से आये है। पिछले तीन दशकों में करोड़ो लोगो को निरोगी किया है योग सिखाया है।
आपने कहा कि यदि फिर भी आपको स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण से परेशानी है तो आप उनकी आलोचना करे किन्तु थोड़ा सा दिल रखिये और जो मरीज़ कोविड-19 से गुज़र रहे उनके बारे में सोचे क्योंकि इस दवा से उन्हें कई फायदे होंगे। यह दवा प्राकृतिक चीज़ो से बानी है जिसका कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होगा और यह तीनो चीज़े आम दिनों में भी लोगो को लेनी चाहिए – इसके अनेक फायदे है।
रामदेव ने कहा कि मिनिस्ट्री ऑफ आयुष ने कहा कि कोविड मैनेजमेंट के लिए पतंजलि ने जो काम किया उसको हम दुरुस्त कह रहे हैं। इस बात से कुछ लोग ज़रूर खुश हो रहे होंगे।
स्वामी रामदेव ने कहा कि इस पूरे ट्रायल में देखा गया कि मरीज को सबसे बड़ा खतरा तब होता है जब कोरोना वायरस हमारे लंग्स में घुसता है, अगर कीटाणु अंदर गया तो वह शरीर के अंदर जाकर अपने जैसे कई कीटाणु बनाता है। जब हमने ट्रायल किया, तो देखा कि ये बातें कंट्रोल हो रही हैं। जिनको 6 लेवल तक बीमारी बढ़ गई थी, वो लेवल एक-दो तक आ गए। हमने ट्रायल में क्या किया, उसका वैज्ञानिक डेटा है और जिसे मंत्रालय को दिया गया है।
स्वामी रामदेव ने बताया कि पतंजलि की दवा कोरोनिल और स्वसरी अब देशभर में उपलब्ध होगी। आयुष मंत्रालय ने इस दवा को कोविड क्योर नाम नहीं दिया है बल्कि कोविड मैनेजमेंट के नाम से घोषणा की है।
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