गुरूग्राम, 8 अक्तूबर (रैपको न्यूज़)। गुडग़ांव चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के पूर्व प्रधान श्री मोहित जैन ने केंद्र सरकार द्वारा देश में ईवी (इलैक्ट्रीकल व्हीकल्स) के लिये बनाई जा रही विभिन्न योजनाओं पर जहां सुखद प्रतिक्रिया व्यक्त की है वहीं श्री जैन का मानना है कि आवश्यकता इस बात की है कि सरकार ईवी से जुड़े उद्योगों विशेषकर सहायक ईकाईयों के लिये ठोस व साकारात्मक नीति तैयार करे।
श्री जैन के अनुसार देश में परम्परागत रूप से पेट्रोल व डीजल व्हीकल्स के लिये सहायक ईकाईयों का एक नेटवर्क कार्य कर रहा है और यह सहायक ईकाईयां इलैक्ट्रीकल व्हीकल्स के लिये भी कार्य करने के लिये इच्छुक हैं परंतु आरएंडडी संबंधी सुविधाओं के अभाव व वित्तीय प्रबंधों की कमी के चलते समस्याएं सामने आ रही हैं।
श्री जैन का मानना है कि यदि इन सहायक ईकाईयों को आसान व सुलभ वित्तीय सहायता मुहैया कराई जाए और ऐसे प्रबंध किये जाएं जिससे ये ईकाईयां नये उत्पादन के लिये स्वयं को सुदृढ़ बना सकें तो इससे जहां सरकार की ईवी को प्रोत्साहन देने की नीति को प्रभावी रूप मिल सकेगा वहीं इन ईकाईयों को भी प्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलेगा।
उत्तर भारत में आटोमोबाइल से जुड़े सैक्टर्स व इंजीनियरिंग यूनिटों का उल्लेख करते हुए श्री जैन ने कहा है कि मारूति व हुंडई के कारण इस क्षेत्र में आटो कम्पोनैंट से जुड़ी ईकाईयों को प्रोत्साहन मिला है परंतु वर्तमान में ये दोनों कंपनियां उतनी तेजी से ईवी के क्षेत्र में नहीं आ रही जिसका कारण यही है कि पूरी तकनीक में परिवर्तन करना अनिवार्य है।
श्री जैन का सुझाव है कि सहायक ईकाईयों के लिये ठोस कार्यनीति तैयार की जानी चाहिए और प्रोडक्टीविटी को लेकर विशेष नीति तैयार की जानी चाहिए।
आपने विश्वास व्यक्त किया है कि केंद्र सरकार सुझावों के अनुरूप प्रभावी कदम उठाएगी और अपनी ईवी सैक्टर को प्रोत्साहन देने की नीति के साथ-साथ सहायक नीतियों के संबंध में ठोस कार्ययोजना तैयार करेगी।
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