Thursday 7 May 2020

एशिया के पहले नोवल विजेता रवीन्द्रनाथ टैगोर को किया नमन


फरीदाबाद। राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एन एच तीन फरीदाबाद की जूनियर रेड क्रॉस, गाइड तथा सैंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड ने प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा के निर्देश में ई शिक्षण के अन्तर्गत बच्चों को गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर जयंती के अवसर पर उन के जीवन से परिचित करवाया। बच्चों को बताया गया कि गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर का जन्‍म 7 मई 1861 को कोलकाता में हुआ था। रवींद्रनाथ टैगोर एक कवि, उपन्‍यासकार, नाटककार, चित्रकार, गीतकार और दार्शनिक थे। रवींद्रनाथ टैगोर एशिया के प्रथम व्‍यक्ति थे, जिन्‍हें नोबल पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया गया था। अपने जीवन में उन्‍होंने एक हजार कविताएँ, आठ उपन्‍यास, आठ कहानी संग्रह और विभिन्‍न विषयों पर अनेक लेख लिखे। इतना ही नहीं रवींद्रनाथ टैगोर संगीतप्रेमी थे और उन्‍होंने अपने जीवन में 2000 से अधिक गीतों की रचना की। उनके लिखे दो गीत आज भारत और बांग्‍लादेश के राष्‍ट्रगान हैं। गीतांजलि उन के द्वारा रचा गया श्रेष्ठ उपन्यास है। लंदन में टैगोर के अँग्रेज मित्र चित्रकार रोथेंस्टिन को जब यह पता चला कि गीतांजलि को स्‍वयं रवींद्रनाथ टैगोर ने अनुवादित किया है तो उन्‍होंने उसे पढ़ने की इच्‍छा जाहिर की। गीतांजलि पढ़ने के बाद रोथेंस्टिन उस पर मुग्‍ध हो गए। उन्‍होंने अपने मित्र डब्‍ल्‍यू.बी. यीट्स को गीतांजलि के बारे में बताया और वहीं नोटबुक उन्‍हें भी पढ़ने के लिए दी। इसके बाद जो हुआ वह इतिहास है। यीटस ने स्‍वयं गीतांजलि के अँग्रेजी के मूल संस्‍करण ‍की प्रस्तावना लिखी। सितंबर 1912 में गीतांजलि के अँग्रेजी अनुवाद की कुछ सीमित प्रतियाँ इंडियन सोसायटी के सहयोग से प्रकाशित की गई। लंदन के साहित्यिक गलियारों में इस किताब की बहुत प्रशंसा हुई। इस के बाद   गीतांजलि के शब्द माधुर्य ने संपूर्ण विश्‍व को सम्‍मोहित कर लिया। पहली बार भारतीय मनीषा की झलक पश्चिमी जगत ने देखी। गीतांजलि के प्रकाशित होने के एक साल बाद 1913 में रवींद्रनाथ टैगोर को नोबल पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया गया। टैगोर अपनी सदी के महान रचनाधर्मी ही नहीं थे, बल्कि वो इस पृथ्‍वी के पहले ऐसे इंसान थे जो पूर्वी और पश्चिमी दुनिया के मध्‍य सेतु बने थे। प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने बताया कि विद्यालय कि छात्राओं ने गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के सुंदर ई चित्र बना कर उन की प्रतिभा को नमन किया। इस अवसर पर प्रवक्ता ललिता , प्रियंका शर्मा, जसनीत कौर, पूनम, शीतू  सहित अन्य अध्यापकों के सानिध्य में विद्यालय की 12 वी की छात्रा अंशु ने इ कविता , कोमल और सिमरन ने इ निबंध और रिया तथा सिमरण ने इ पोस्टर और पेंटिंग बना कर टैगोर के भारतीय साहित्य और संस्कृति में अमूल्य योगदान को नमन किया।
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