जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सीजेएम कम् सचिव मंगलेश कुमार चौबे ने बताया कि इस वर्ष भारत स्वतंत्रता का 75वे वर्ष को "आजादी का अमृत महोत्सव" के रूप में मना जा रहा है।
इसी कड़ी में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्नाधिकरण भी अपनी स्थापना के 25 वर्ष भी मना रहा है। यह अभियान गत 2 अक्टूबर से आगामी 14 नवंबर तक मनाया जाएगा।जिसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण, आदिवासी और दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए मुफ्त कानूनी सेवाओं की उपलब्धता, उनके कानूनी अधिकारों की विस्तार पूर्वक जानकारी के बारे शुरू किया जा रहा है।
सीजेएम ने बताया कि आज रविवार को जय सेवा फाउंडेशन के संस्थापक विमल खंडेलवाल ने गांव चंद्रावली में प्राधिकरण के पैनल अधिवक्ता आशा अरोड़ा, पैरा लीगल वालंटियर व आंगनवाड़ी वर्कर संगीता, मंजू, माधुरी,कोयल, सरोज, गीता, विमला के साथ विशेष जागरूकता अभियानक्षचलाया।
जिसमें उन्होंने लोगों को जागरूक करते हुए बताया की जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सेवाएं महिलाए,बच्चे व बुजुर्ग( सीनियर सिटिजन)चाहे वे किसी वर्ग के हो,पढे लिखे या न हो उनकी आय कुछ भी हो उन्हे मुफ्त कानूनी सहायता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा दी जाती है।
उन्होंने बताया कि पुरूष यदि एसी बीसी या ओबीसी वर्ग से है तो उसे कुछ देना नही होता परन्तु यदि वह जनरल कैटिगरी से है तो उसे आए का शपथ-पत्र की उसकी आय तीन लाख से कम है तो दो माह का बैंक स्टेटमेंट देना होता है।
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